Tuesday, September 22, 2009

लम्बी उडान

लम्बी उडान से अपने घोसले मे लौटी'
चिडिया से उसके बच्चो ने पूछा मां ’
आस्मान कितना बडा है ?
चिडिया ने बच्चो को पंखों मे समेटे’
हुए कहा सो जाओ मेरे बच्चो वो,
मेरे पंखॊ से छॊटा है ।
IT IS REALITY NOTHING IN
UNIVERSE IS BIGGER THAN
d SHELTER OF A MOTHER`S LEP........

7 comments:

निर्मला कपिला said...

बहुत सही बात कही चिडिया ने माँ का साया ही दुनिया मे सब से बडा और महफूज़ है बधाई

दिगम्बर नासवा said...

SACH KAHA KUCH BHI MAA KI CHAYA SE BADHA NAHI HO SAKTA .... BAHOOT SUNDAR LIKHA HAI ..

Udan Tashtari said...

माँ के आंचल में छिप जाऊँ
हरदम ऐसी प्यास रही है..
सुन लो तुम ए चाँद सितारों
मेरा तो आकाश वही है.

-समीर लाल 'समीर'


(ईमेल तो करो कि किताबों का क्या हुआ)

Anonymous said...

बहुत सुंदर भाव। आभार।
वैज्ञानिक दृ‍ष्टिकोण अपनाएं, राष्ट्र को उन्नति पथ पर ले जाएं।

बाल भवन जबलपुर said...

Wah sanju bhai wah

ताऊ रामपुरिया said...

इष्ट मित्रों एवम कुटुंब जनों सहित आपको दशहरे की घणी रामराम.

शोभना चौरे said...

kam shbdo me puri mmta bhardi aapne
abhar