Monday, September 14, 2009

उस अजनबी क यू ना इंतजार करो

उस अजनबी क यू ना इंतजार करो,
इस आशिक दिल का ना एतबार करॊ ।
रोज निकला करे किसी की याद में आसूं ,
इतना कभी किसी से प्यार ना करॊ ।

9 comments:

Amit K Sagar said...

आपकी रचनाएं पढ़ने का अलग ही मजा है. बहुत ही अच्छा लगता है हर बारगी आपको पढना. जारी रहें.

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ताऊ रामपुरिया said...

वाह बहुत लाजवाब रचना.

रामराम.

Mishra Pankaj said...

sanju jee acchaa likha aapane

Udan Tashtari said...

कैसे हैं तिवारी सर आप?

अच्छा लिख रहे हैं, पढ़कर अच्छा लगा.

मेरा काम जरुर कर दिजियेगा आज. :)

स्वप्न मञ्जूषा said...

bahut khoobsurat..
हिन्दी दिवस की शुभकामनाएँ।

Udan Tashtari said...

हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ.

कृप्या अपने किसी मित्र या परिवार के सदस्य का एक नया हिन्दी चिट्ठा शुरू करवा कर इस दिवस विशेष पर हिन्दी के प्रचार एवं प्रसार का संकल्प लिजिये.

जय हिन्दी!

निर्मला कपिला said...

वाह क्या लाजवाब बात कही शुभकामनायें

बवाल said...

करेंगे करेंगे और बार बार करेंगे जाइए का कल लेंगे, आप।
हा हा।

Unknown said...

भावपूर्ण रचना। देखन में छोटे लगे घाव करें गंभीर ऐसे हैं आपके तीर! बधाई! संजय जी।