१.
रोज हम नशे मे होते है,
और रात गुजर जाती है..
एक दिन रात नशे मे होगी ,
और हम गुजर जायेगे,
शायद तभी हम आपको याद आयेगे ..
२.
आपकी कमी अब महसूस होने लगी है ,
आपकी यादो से आंख नम होने लगी है ,
हमेशा मेरे दिल मे रहते है आप लेकिन,
आपकी जरूरत अब धड़कनो को भी होने लगी है..
9 comments:
छा गये आप तो. बहुत अच्छा लगा पढ़कर.
संजू
आजकल बहुत अच्छा लिख रहे हो..लगातार लिखो. कलम में धार आयेगी..
दूसरों को पढ़ना भी साथ में उतना ही जरुरी है..अपने आपको निखारने के लिए..
जितना लिखो, उससे ५ गुना पह़्ओ. तब बात निकल के आयेगी सही मायने में.
ज्यादा तो नहीं समझा दिया कहीं?? हा हा!!
पह़्ओ = पढ़ो!!
रोज हम नशे मे होते है,
और रात गुजर जाती है..
एक दिन रात नशे मे होगी ,
और हम गुजर जायेगे,
वाह क्या बात कही है? आज तो सबको क्लीन बोल्ड कर दिया जी. बहुत गहरी और सटीक बात कह दी.
समीर जी की सलाह करोडों की है, हो सके तो ध्यान दिजियेगा.
रामराम.
समीर भईया की समझाइश हम ले जा रहे हैं. आप भी रख सकते हैं. यह देने से कम नहीं होगी.
बेहतरीन ...वाह वाह
मज़ा आ गया
मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
आपकी कमी अब महसूस होने लगी है ,
आपकी यादो से आंख नम होने लगी है ,
बहुत बढ़िया बेहतरीन रचना लगी . धन्यवाद.
बहुत बढ़िया ....अच्छी लगी आपकी रचना...
हमेशा मेरे दिल मे रहते है आप लेकिन,
आपकी जरूरत अब धड़कनो को होने लगी है..
लाजवाब......!!
इन दो पंक्तिओं में गहराई है.....!!
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