Friday, February 19, 2010

गम नहीं वहाँ



गम नही वहाँ जहाँ हो अफसाना आपका
खुशियाँ वहाँ ढूंढती है हर पल आशियाना आपका
आप उदास न होना कभी क्योकि ,
बहुत अच्छा लगता है हमें मुस्कराना आपका

एक लहर को प्यार था किनारे से ,
पर उसकी शादी हो गयी सागर से
किनारे की प्रीत लहर को खिंच लाती है ,
पर बदनाम न हो मोहब्बत इसलिये वो लौट आती है ।

पूछा मुझसे चांद सितारो ने ,
तुझे भुला दिया क्या तेरे जिगरी यारों ने ,
मैने मुस्कराते हुये कहा ,
भूल तो नहीं सकते , बस
लगे होगे कमीने किसी को पटाने मे.

मोम की तरह पिघलती है जिन्दगी,
गमों की आग मे जलती है जिन्दगी
ठोकर लगे तो गम मत करना
ठोकर खाने से सुधरती है जिन्दगी.

रात सुबह का इंतजार नही करती ,
खुश्बू मौसम का इंतजार नही करती ,
जो भी खुशी मिले जियो शान से ,
क्योकि जिन्दगी वक्त का इंतजार नही करती ,

हम तो कुछ न थे पर आपने बना दिया
इतना प्यार दिया की जीना सिखा दिया
र्दद लेकर हम आये है अकेले ,
आप जैसे दोस्त मिले तो हर गम भुला दिया ।

Thursday, February 11, 2010

टुकड़े टुकड़े अहसास: बस यूँ ही, नहीं कुछ खास!!



-१-

अश्क उनकी आखों के करीब होते है ,
रिश्ते र्दद के जिनको नसीब होते है!
दौलत दिल की जिसने लुटाई हो ,
कोन कहता है वो गरीब होता है॥

-२-

अपने दामन मे भी कुछ अश्क बचा कर रखो
जाने कोन कब मोहब्बत की निशानी मागें।

-३-

जिन्दगी से यूँ चले है इल्जाम लेकर
बहुत जी चुके हम तेरा नाम लेकर।
अकेली बात करोगी, तुम इन सितारो से ,
हम चले तुम्हे सारा आसमान दे कर।

-४-

धडकन हमारी आप से जो कहें, साँसो को भी उसकी खबर न लगे
बहुत खूबसूरत है रिश्ता हमारा ,दुआ है इसे किसी की नजर न लगे।

-५-

जरूरत ही नही है अलफाज की, यह प्यार तो चीज है बस अहसास की
नजदकियों का मंजर अलग होता, दूर से भी खबर है हमें हर सांस की ।


-६-

जो पसंद आयी
वो मिली नही ,
जो मिली वो जमी नही ,
जो जमी उसके साथ मजा नही आया
जिसके साथ मजा आया
वो हमेशा के लिये रही नही...
"नौकरी ".... चीज ही ऎसी है


-संजय तिवारी (संजू)