
-१-
अश्क उनकी आखों के करीब होते है ,
रिश्ते र्दद के जिनको नसीब होते है!
दौलत दिल की जिसने लुटाई हो ,
कोन कहता है वो गरीब होता है॥
-२-
अपने दामन मे भी कुछ अश्क बचा कर रखो
जाने कोन कब मोहब्बत की निशानी मागें।
-३-
जिन्दगी से यूँ चले है इल्जाम लेकर
बहुत जी चुके हम तेरा नाम लेकर।
अकेली बात करोगी, तुम इन सितारो से ,
हम चले तुम्हे सारा आसमान दे कर।
-४-
धडकन हमारी आप से जो कहें, साँसो को भी उसकी खबर न लगे
बहुत खूबसूरत है रिश्ता हमारा ,दुआ है इसे किसी की नजर न लगे।
-५-
जरूरत ही नही है अलफाज की, यह प्यार तो चीज है बस अहसास की
नजदकियों का मंजर अलग होता, दूर से भी खबर है हमें हर सांस की ।
-६-
जो पसंद आयी
वो मिली नही ,
जो मिली वो जमी नही ,
जो जमी उसके साथ मजा नही आया
जिसके साथ मजा आया
वो हमेशा के लिये रही नही...
"नौकरी ".... चीज ही ऎसी है
-संजय तिवारी (संजू)
5 comments:
धडकन हमारी आप से जो कहें, साँसो को भी उसकी खबर न लगे
बहुत खूबसूरत है रिश्ता हमारा ,दुआ है इसे किसी की नजर न लगे ।
बहुत खूब तिवारी जी बधाई
बहुत बढिया व सुन्दर हैं सभी शेर और मुक्तक।बहुत बहुत बधाई।
वाह वाह संजु, बहुत खूब! लगे रहो. जरा नियमित प्रस्तुत करो.
आपको पढ़कर अच्छा लगा.
क्या कहना है भाई। पोस्ट के फ़ोटो दार्शनिक भाव व्यक्त कर रही है।
Post a Comment