Tuesday, March 3, 2009

फिर ना पुकारो

फिर ना पुकारो मुझे तुम उन्ही बहारो मे,
आके कही खो ना जाऊ उन हसीं नजारो मे,,
यु तो तुम ने हॆ तड्फाया रात भर अधियारे मे,
अब तो जाके सो जाने दो दिन के उजियारो मे,,

4 comments:

Udan Tashtari said...

सही जा रहे हो!!

mehek said...

bahut khub.

आशीष कुमार 'अंशु' said...

सुन्दर है ..

rachana said...

नमस्ते जी!!
पहचाना मुझे?
इस ब्लॊग के बारे मे अभी अभी पता चला..

अच्छी पन्क्तियां हैं
शुभकामनाएं॒!