Monday, November 30, 2009

मोह्ब्बत को मजबूरी का नाम मत देना ।

मोह्ब्बत को मजबूरी का नाम मत देना ।
हकीकत कॊ हाद्सॊ का नाम मत देना ।
अगर दिल मे प्यार हॊ किसी के लिये ,
तो उसे दोस्ती का नाम मत देना ।

2 comments:

दिगम्बर नासवा said...

sACH KAHA AISA KARNE SE DOSTI BADNAAM HO JAATI HAI ... ACHHAA MUKTAK HAI ...

Udan Tashtari said...

प्रेमिका से बेहतर दोस्त और कौन भला??